इस दुनिया में तरह तरह के प्राणी हैं जिनमे मनुष्य अपने आपको सबसे ज्यादा सभ्य और विकसित समजता है परन्तु इतिहास को देखा जाये तो आज तक सबसे ज्यादा हिंसा अपने आपको सभ्य और सुसंस्कृत समजने वाले इंसानों ने ही की है
अपनी महत्वाकांक्षाओ को पूरा करने के लिए अन्य देशों पर हमला करना ,धर्म के नाम पर रक्त बहाना .औद्योगीकरण के नाम पर
प्रदूषण फैलाना यह सब तथाकथित इंसानों ने ही किया है।
अपने मां बाप को घर से निकाल देना उनकी सेवा ना करना ,बहुओं को दहेज़ के लिए जलाना क्या ये सब हिंसा नहीं है .
कृपया आप सब यह सोचें की क्या आप भी किसी तरह की हिंसा के जिम्मेदार तो नहीं
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