My Blog List

Tuesday, April 9, 2013

क्या आप अपने शरीर का रखरखाव करते हैं



आप  में से अधिकांश लोग  साल में एक बार  अपने घर और आफिस  या कार्यस्थल  की  जरुर करते होंगे .परन्तु कितने लोग 
अपने शरीर की  रखरखाव इसी प्रकार नियमित रूप से करते हैं हम में से अधिकांश लोग स्वस्थ्य के प्रति लापरवाह हैं .अधिकांश 
लोगों की दिनचर्या है की खाया पिया काम पे  गए और रात  को सो गए .बीमार हुए तो डॉक्टर के पास गए . परन्तु कोई भी ये नहीं सोचता की बीमार न हों उसके लिए क्या किया जाये हमारे शरीर में कोई भी बीमारी  अचानक नहीं होती हमारा शरीर  हर बीमारी 
की पूर्व सूचना देता है जरुरत है उसे समजने की .अगर हमारे शरीर में कोई भी विकार आता है तो शरीर हमें उलटी ,दस्त खांसी, छींक ,खुजली ,गैस ,मस्से, एसिडिटी या  किसी  अन्य रूप में  चेतावनी देता है अगर हम उसे ढंग से समज कर निदान करने के बजे दवाइयों के द्वारा दबा दें तो भविष्य में कोई ना  कोई भीषण रोग होने की संभावना होगी  क्योंकि किसी रोग को अगर जड से न उखाड़ कर सिर्फ तात्कालिक राहत  के लिए  अगर हम दवायिया खायेंगे तो हमें भविष्य में हमें  उसके दुष्परिणाम  भुगतने पडेंगे .अगर  हम स्वस्थ रहना चाहतें हैं तो हमें प्रतिदिन निश्चित  पर भोजन करना चाहिए। कुछ लोग दोपहर का खाना ४ बजे और रात का  खाना 11 या 12 बजे  खाते हैं और दिन भर चाय पीते हैं इस तरह की दिनचर्या वाले लोगों को अक्सर एसिडिटी ,
अल्सरेटिव कोलाइटिस  आदि बीमारियाँ हो जाती हैं।
साल में एक बार पुरे शरीर  की जाँच अवश्य करवानी चाहिए। 
हफ्ते में एक बार व्रत या उपवास जरुर करना चाहिए परन्तु एक बात का ध्यान रखें की व्रत का मतलब है कम खाना परन्तु 
अधिकांश लोग व्रत  के  दिन अन्न  ना खाके साबूदाना ,आलू ,रबड़ी ,मखाने की खीर और अन्य गरिष्ठ भोजन कर लेतें हैं उससे 
फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा होता है इसलिये व्रत का उद्देश्य शरीर की शुद्धि और मन पे नियंत्रण होना चाहिए।

स्वस्थ रहने के टिप्स 

1)प्रातःकाल  उठकर ४ गिलास पानी पियें 
2 )भोजन के बाद 1 घंटे बाद पानी पियें 
3 )दिन भर में कम से कम 8 गिलास पानी जरुर पीना चाहिए।
4 )रात  के भोजन और सोने में कम से कम 2 घंटे  का अंतर होना चाहिए।
5 )विरूद्ध आहार विहार न करें जैसे दूध दही साथ खाना ,घी शाहद साथ खाना।
6 )हफ्ते में एक दिन सिर्फ फलाहार या दलिया खाना चाहिए।
7 )थोडा बहुत व्यायाम या पैदल जरुर घूमना चाहिए।
8 )छोटे मोटे जुकाम या सिरदर्द के लिए अंग्रेजी दवाएं न खाएं।
9 )बिना मतलब तनाव न रखें क्योंकि कई बीमारियाँ  तो सिर्फ तनाव  से होती हैं .
10 )अच्छी नींद लें कम से कम 6 घंटे।



सबसे हिंसक प्राणी मनुष्य


इस दुनिया  में तरह तरह के प्राणी हैं  जिनमे मनुष्य  अपने आपको सबसे ज्यादा सभ्य और विकसित समजता   है परन्तु इतिहास  को देखा जाये तो आज तक सबसे ज्यादा हिंसा अपने आपको सभ्य और  सुसंस्कृत समजने  वाले इंसानों ने ही की है 
अपनी महत्वाकांक्षाओ  को पूरा करने के लिए अन्य देशों पर हमला करना ,धर्म के नाम पर रक्त बहाना .औद्योगीकरण के नाम पर 
प्रदूषण फैलाना यह सब तथाकथित  इंसानों ने ही किया है। 
अपने मां  बाप को घर से निकाल  देना उनकी सेवा ना  करना ,बहुओं को दहेज़ के लिए जलाना क्या ये सब हिंसा नहीं है .
कृपया आप  सब यह सोचें  की क्या आप भी किसी तरह की हिंसा के जिम्मेदार तो नहीं